सूर्य मंदिर, ग्वालियर

Near gole ka mandir, Morar road

Gwalior, Madhya Pradesh, India

ग्वालियर की शानदार यात्रा: सूर्य मंदिर

सूर्य मंदिर, ग्वालियर: वास्तुकला और श्रद्धा का संगम

ग्वालियर, मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर, अपने अद्वितीय स्मारकों और धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। इस शहर के केंद्र में स्थित सूर्य मंदिर एक ऐसा स्थल है जो वास्तुशिल्प की अद्भुत कला और आध्यात्मिक श्रद्धा का प्रतीक है। सूर्य भगवान को समर्पित यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि अपनी अनूठी संरचना और समृद्ध इतिहास के कारण पर्यटकों और श्रद्धालुओं को भी आकर्षित करता है।

भव्यता की झलक: सूर्य मंदिर का दृश्य

मंदिर के प्रवेश द्वार पर आते ही, लाल बलुआ पत्थर से निर्मित भव्य संरचना पर्यटकों का स्वागत करती है। मंदिर की दीवारों पर की गई बारीक नक्काशी और अद्वितीय खंभे इसकी आकर्षक वास्तुकला को दर्शाते हैं। यहां स्थित सूर्य भगवान की भव्य मूर्ति मंदिर का मुख्य आकर्षण है।

निर्माण की कहानी: इतिहास से परिचय

सूर्य मंदिर का निर्माण वर्ष 1984 में प्रसिद्ध उद्योगपति गजानंद दास बिड़ला द्वारा कराया गया था। मंदिर का शिलान्यास 19 जनवरी 1984 को किया गया और इसे बनने में चार वर्ष का समय लगा। अंततः 23 जनवरी 1988 को मंदिर का निर्माण पूर्ण हुआ। प्रारंभ में इसे 'तपोवन गार्डन' के नाम से जाना जाता था, जिसे बाद में 'सूर्य वन' या 'सूर्या गार्डन' के रूप में पुनर्नामित किया गया। यह मंदिर ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर की प्रेरणा से बनाया गया है, और अपनी भव्यता में उस प्रसिद्ध संरचना के समान ही है।

यात्रा मार्गदर्शिका: कैसे पहुंचे सूर्य मंदिर?

सूर्य मंदिर, ग्वालियर के मुख्य शहर से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए आसानी से सुलभ है। ग्वालियर का रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से मंदिर तक टैक्सी, ऑटो रिक्शा, या स्थानीय परिवहन के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

आकर्षण का केंद्र: श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए

सूर्य मंदिर न केवल ग्वालियर बल्कि पूरे भारत और विदेशों से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह स्थान आध्यात्मिकता और शांति की खोज में लगे लोगों के लिए आदर्श है। यहां आकर आप प्राचीन कला, संस्कृति और धर्म के संगम का आनंद ले सकते हैं।

निष्कर्ष

ग्वालियर का सूर्य मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह भारतीय वास्तुकला और संस्कृति की अनमोल धरोहर भी है। अगर आप ग्वालियर की यात्रा पर हैं, तो इस भव्य मंदिर की यात्रा अवश्य करें और सूर्य भगवान के इस दिव्य स्थान की अनूठी सुंदरता को निहारें।

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