ग्वालियर की धरोहर: मांढरेवाली माता मंदिर
ग्वालियर में स्थित मांढरेवाली माता मंदिर ग्वालियर की धरोहरों में से एक है। यह मंदिर 135 वर्ष पूर्व सिंधिया रियासत के तत्कालीन शासक जयाजीराव सिंधिया द्वारा स्थापित किया गया था। मंदिर में महिषासुर मर्दिनी रूप में विराजमान मां महाकाली की अष्टभुजा प्रतिमा स्थापित है। मांढरेवाली माता सिंधिया परिवार की कुलदेवी भी हैं।
माता का अनुग्रह:
मांढरेवाली माता अपने भक्तों पर विशेष अनुग्रह करती हैं। जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से मां से प्रार्थना करता है, उसकी हर मनोकामना मां पूर्ण करती हैं। चैत्र और क्वार नवरात्रि में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
मांढरेवाली माता मंदिर के विशेष दर्शन:
अष्टभुजा वाली महिषासुर मर्दिनी मूर्ति: मंदिर में विराजमान मां महाकाली की अष्टभुजा मूर्ति अत्यंत दिव्य और मनमोहक है।
सिंधिया राजवंश की कुलदेवी: मांढरेवाली माता सिंधिया राजवंश की कुलदेवी हैं। सिंधिया परिवार के सदस्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों से पहले मां का आशीर्वाद लेने आते हैं।
दशहरे पर शमी का पूजन: सिंधिया राजवंश दशहरे पर मंदिर में शमी का पूजन करता है।
धार्मिक महत्व: मांढरेवाली माता मंदिर का धार्मिक महत्व अत्यंत उच्च है। यहां आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
पर्यटन स्थल:
मांढरेवाली माता मंदिर के अलावा ग्वालियर में कई अन्य पर्यटन स्थल भी हैं, जैसे कि ग्वालियर किला, जय विलास महल, गुजरी महल, ससबाहू के मंदिर, सूर्य मंदिर, और जैन मंदिर।
निष्कर्ष:
मांढरेवाली माता मंदिर ग्वालियर की एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यहां आकर भक्त मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और पर्यटक ग्वालियर की समृद्ध संस्कृति और इतिहास का अनुभव करते हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
मंदिर का समय: सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
स्थान: कैंसर पहाड़ी, कंपू क्षेत्र, ग्वालियर
निकटतम रेलवे स्टेशन: ग्वालियर जंक्शन
निकटतम हवाई अड्डा: ग्वालियर हवाई अड्डा
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