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अभी मंदिर जोड़ेंग्वालियर, मध्यप्रदेश का एक ऐतिहासिक नगर, प्राचीन काल से ही गालव ऋषि की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध रहा है। इसी पुण्य भूमि पर स्थित है – श्री सिद्ध खेड़ापति हनुमान मंदिर, जो न केवल ग्वालियर बल्कि समूचे बुंदेलखंड क्षेत्र में अपनी चमत्कारी ख्याति के लिए जाना जाता है।
यहाँ स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा लगभग 250 वर्ष पुरानी है, और इस मंदिर में हर दिन सुबह 4 बजे से देर रात तक भक्तों की भीड़ लगी रहती है। श्रद्धालुओं का यह विश्वास है कि यहां आने वाले किसी भी भक्त की मनोकामना अधूरी नहीं रहती।
सितंबर 2014 में इस मंदिर में एक अद्वितीय चमत्कार हुआ।
गुरुवार की रात, जब मंदिर में विशेष अभिषेक हो रहा था, तब 250 वर्ष पुरानी हनुमान जी की मूर्ति ने अचानक अपना चोला त्याग दिया, और बाल स्वरूप में प्रकट हो गई।
मंदिर के महंतों के अनुसार, यह मूर्ति सदियों पुरानी है, और यह बाल रूप स्वतः प्रकट हुआ, न कि किसी मनुष्य द्वारा किया गया परिवर्तन।
मंदिर में रामायण और सुंदरकांड का नियमित पाठ होता है।
मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त गरीबों को भोजन कराते हैं और दान-पुण्य करते हैं।
विशेष अवसरों पर अभिषेक, भजन संध्या और विशाल भंडारे का आयोजन होता है।
विशेष विद्युत् और पुष्प सज्जा
श्री खेड़ापति जी को छप्पन भोग अर्पित किया जाता है
हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं
भव्य आयोजन
बड़ी मात्रा में खीर का प्रसाद वितरित किया जाता है
मंदिर के महंत जी द्वारा विशाल भंडारा
पूरे क्षेत्र से भक्त इस दिन दर्शन और सेवा के लिए आते हैं
कई भक्तों ने अपने अनुभव साझा किए हैं कि श्री खेड़ापति हनुमान जी ने उनकी मुंहमांगी मुरादें पूरी की हैं। कोई बीमारी से ठीक हुआ, किसी को संतान की प्राप्ति हुई, तो किसी का व्यवसाय चल निकला। यह मंदिर आस्था और चमत्कारों का साक्षात उदाहरण बन चुका है।
श्री सिद्ध खेड़ापति हनुमान मंदिर केवल एक प्राचीन मंदिर नहीं, बल्कि आस्था, चमत्कार और आत्मिक अनुभूति का केन्द्र है।
यदि आप ग्वालियर जाएं, तो इस चमत्कारी बाल स्वरूप हनुमान जी के दर्शन अवश्य करें — यहां की शांति, ऊर्जा और भक्ति आपको जीवन भर स्मरण रहेगी।
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