श्री राधावल्लभ मंदिर

Radha Vallabh Temple Rd, Gautam Nagar

Vrindavan, Uttar Pradesh, India

वृंदावन, भगवान श्री कृष्ण की लीला भूमि, न सिर्फ़ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी रखता है। यहाँ के अनेक मंदिर भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़े हैं, जिनमें से श्री राधा वल्लभ मंदिर अपना विशेष महत्व रखता है।

श्री राधाबल्लभ मंदिर में भक्तगण भगवान श्री कृष्ण और श्री राधा दोनों का युगल दर्शन करते हैं।
कहते हैं श्री राधा और श्री कृष्ण दोनों एक है। श्री राधा, कृष्ण में और कृष्ण, राधा में समाहित है

इस मंदिर को लेकर एक कथा भी प्रचलित है कहते हैं कि श्री राधा वल्लभ जी के दर्शन बहुत ही दुर्लभ होते हैं जिसके मन में अटूट श्रद्धा और प्रभु के प्रति पूर्ण आस्था हो उसे ही प्रभु के दर्शन मिलते हैं।

कथा अनुसार ब्राह्मण आत्मदेव भगवान शिव के परम भक्त थे भगवान शिव के प्रश्न पाने के लिए लोगों ने कई वर्षों तक कठोर तप किया उनके तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान मांगने को कहा। ब्राह्मण आत्मदेव ने भगवान शिव से कहा कि प्रभु आपको जो भी अत्यंत प्रिय है वही आप मुझे दे दीजिए, इतना सुनते ही भगवान शिव के नेत्र सजल हो गए तब भगवान शिव ने अपने हृदय से श्री राधाबल्लभ जी को प्रकट किया और श्री राधाबल्लभ जी के विग्रह को भगवान शिव ने ब्राह्मण आत्म देव को दे दिया और साथ ही भगवान शिव ने श्री राधा वल्लभ जी की सेवा करने की पद्धति भी आत्मदेव ब्राह्मण को बताइ।

कई वर्षों तक ब्राह्मण आत्मदेव एवम उनके वंशज श्री राधा वल्लभ जी की निरंतर सेवा करते रहे। श्री राधावल्लभ लाल जी को श्री कृष्ण के अनुयायी श्री हित हरिवंश महाप्रभु वृंदावन लेकर आए थे। श्री हरिवंश महाप्रभु को एक रात सपने में श्री राधा जी ने आदेश दिया था कि तुम मेरे स्वरूप को ब्राह्मण आत्मदेव से लेकर वृंदावन में स्थापित करो।
तभी हरिवंश प्रभु ने श्री राधाबल्लभ जी को मदन टेर पर स्थापित किया। मदन टेर को ऊंची ठोर भी कहा जाता।
राधा वल्लभ जी की बगल में श्री राधा रानी जी को गुरु रूप में एक गद्दी पर स्थापित किया गया है।

आज भी श्री राधा वल्लभ मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है।
यहां आकर भक्त भगवान शिव के अत्यंत प्रिय श्री राधा वल्लभ जी का दर्शन कर जन्म जन्मांतर के पापो से मुक्त होते है और आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं।

कैसे जाएं
यह मंदिर वृंदावन में श्री बिहारी जी मंदिर के पास है।
हवाई जहाज से:

निकटतम हवाई अड्डा आगरा हवाई अड्डा या पंडित दीन दयाल उपाध्याय हवाई अड्डा, जिसे खेरिया हवाई अड्डा के नाम से भी जाना जाता है , जो मंदिर से लगभग 70 किलोमीटर दूर है।

हवाई अड्डे से आप टैक्सी, कैब या बस द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

रेल द्वारा:

निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन है, जो मंदिर से लगभग 15 किलोमीटर दूर है।

रेलवे स्टेशन से आप ऑटो, रिक्शा या बस द्वारा मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग से:

आप सड़क मार्ग से भी राधा वल्लभ मंदिर जा सकते हैं।
मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है, जो दिल्ली, आगरा, जयपुर और अन्य शहरों को जोड़ता है।
आप बस, टैक्सी या अपनी कार से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

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