ग्वालियर में स्थित श्री मां संपूर्णा अष्ट महालक्ष्मी मंदिर, जौरासी, मध्य प्रदेश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां मां लक्ष्मी अपने सभी आठ स्वरूपों में विराजमान हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि वास्तु दोष निवारण और औद्योगिक विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हनुमान मंदिर ट्रस्ट, जौरासी द्वारा लगभग 14 करोड़ रुपये की लागत से इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया है। मंदिर में मुख्य प्रतिमा 6 फीट ऊंची है, जबकि अन्य सात स्वरूपों की प्रतिमाएं 2-2 फीट की हैं। इस मंदिर का निर्माण पूरी तरह वास्तु शास्त्र के अनुसार किया गया है, जिससे ग्वालियर शहर के वास्तु दोष को दूर करने में सहायता मिलेगी।
इस मंदिर के निर्माण से ग्वालियर और मध्य प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। धार्मिक स्थलों के विकास से न केवल आस्था का प्रसार होता है, बल्कि होटल, रेस्तरां, परिवहन और स्थानीय व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा।
यह मंदिर ग्वालियर शहर के वास्तु दोष निवारण में भी सहायक होगा। वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि अष्ट महालक्ष्मी मंदिर के निर्माण से शहर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा, जिससे औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
श्री मां संपूर्णा अष्ट महालक्ष्मी मंदिर, जौरासी, ग्वालियर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए विभिन्न परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हैं:
श्री मां संपूर्णा अष्ट महालक्ष्मी मंदिर, जौरासी, ग्वालियर, आध्यात्मिक आस्था, वास्तु दोष निवारण और आर्थिक विकास का संगम है। यह मंदिर आने वाले समय में क्षेत्र की समृद्धि और पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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