नागवासुकी मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो सर्पों के राजा भगवान वासुकी को समर्पित है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के पवित्र नगर प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर भारत के प्रमुख सर्प मंदिरों में से एक माना जाता है।
नागवासुकी मंदिर हिंदू धर्म में कई कारणों से अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है।
मुगल सम्राट औरंगजेब के शासनकाल में जब हिंदू मंदिरों को नष्ट किया जा रहा था, तब नागवासुकी मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ। यह मान्यता है कि जब औरंगजेब ने इस मंदिर को नष्ट करने का प्रयास किया, तब भगवान नागवासुकी ने एक उग्र रूप धारण कर लिया और मंदिर को बचाया।
पद्म पुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के बाद भगवान नागवासुकी थक कर विश्राम के लिए प्रयागराज आए थे। भगवान विष्णु के परामर्श से उन्होंने सरस्वती नदी में स्नान किया और शांति पाई। जब वे वापस जाने लगे, तब ऋषियों और देवताओं ने उनसे यहाँ रुकने की प्रार्थना की। भगवान नागवासुकी ने कुछ शर्तों के साथ यहाँ रहने की स्वीकृति दी, जिनमें यह भी शामिल था कि भक्तों को त्रिवेणी संगम में स्नान करके नाग पंचमी के दिन उनकी पूजा करनी होगी। ऐसा भी कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्रों द्वारा की गई थी।
नागवासुकी मंदिर पारंपरिक हिंदू शैली में निर्मित है। इस मंदिर में एक विशाल सभा मंडप और उसके पीछे एक गर्भगृह स्थित है। गर्भगृह में भगवान वासुकी की काले पत्थर की मूर्ति स्थापित है, जिसमें पाँच फनों और चार कुंडलों का स्वरूप दिखाई देता है। यह मूर्ति भक्तों के लिए आशा, सुरक्षा और आध्यात्मिक जागरूकता का प्रतीक मानी जाती है। मंदिर परिसर में भगवान शिव, भगवान गणेश, माता पार्वती और भीष्म पितामह के छोटे मंदिर भी स्थित हैं।
हर वर्ष जुलाई-अगस्त में मनाए जाने वाले नाग पंचमी उत्सव के दौरान मंदिर में भारी भीड़ उमड़ती है। भक्तगण घंटों तक कतार में खड़े रहकर भगवान वासुकी के दर्शन करते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन विशेष अनुष्ठान और आरतियाँ संपन्न की जाती हैं। हजारों श्रद्धालु गंगा नदी और त्रिवेणी संगम में स्नान करके मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। विवाहित महिलाएँ उपवास रखती हैं और दूध, फूल, फल और सिक्के नागदेवता को अर्पित करती हैं। कुछ भक्त चांदी के पात्र से सीधे मूर्ति के मुख में दूध अर्पित करते हैं। मंदिर के बाहर हर्षोल्लास का वातावरण रहता है और श्रद्धालु रंगीन वस्त्रों में सजकर इस पवित्र दिन का आनंद लेते हैं।
नागवासुकी मंदिर प्रयागराज के नागवासुकी क्षेत्र में स्थित है। यह इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन से लगभग 7.4 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से ऑटो-रिक्शा, टैक्सी या स्थानीय बस के माध्यम से मंदिर तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। सिविल लाइंस बस स्टैंड से भी नियमित बसें नागवासुकी मंदिर के लिए चलती हैं। निकटतम हवाई अड्डा बम्हरौली एयरपोर्ट (12 किमी) है।
नागवासुकी मंदिर उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध और पौराणिक मंदिरों में से एक है, जो नागराज वासुकी को समर्पित है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला, धार्मिक मान्यताओं और विशेष अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है। विशेष रूप से नाग पंचमी के दौरान यह मंदिर भव्य उत्सवों का केंद्र बन जाता है। हिंदू धर्म, इतिहास और स्थापत्य कला में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह मंदिर एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
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