आचार्य जगमोहन त्रिपाठी जी महाराज, एक प्रतिष्ठित कथा वाचक, अपने गहरे आध्यात्मिक कथा वाचन और सनातन धर्म के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने की निष्ठा के लिए जाने जाते हैं। और भक्तों को भक्ति और धर्म के मार्ग पर प्रेरित किया है।
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के रजुअमऊ गाँव में जन्मे आचार्य जगमोहन त्रिपाठी जी का बचपन एक धार्मिक वातावरण में बीता। बाल्यावस्था से ही उन्हें धार्मिक ग्रंथों में रुचि थी और वे अक्सर स्थानीय धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेते थे। उनके परिवार के धार्मिक संस्कारों ने उनके जीवन में आध्यात्मिक सेवा का मार्ग प्रशस्त किया।
काशी (वाराणसी) के प्रतिष्ठित संत स्वामी शरणानंद जी के मार्गदर्शन में उन्होंने वेद, रामायण और भगवद गीता का गहन अध्ययन किया। इन धार्मिक ग्रंथों का विस्तृत अध्ययन उन्हें गहरी आध्यात्मिक समझ प्रदान करता है, जिसे वे अब अपनी कथाओं के माध्यम से जनता के समक्ष प्रस्तुत करते हैं।
आचार्य जगमोहन त्रिपाठी जी अपनी कथाओं के माध्यम से जटिल आध्यात्मिक सिद्धांतों को सरल भाषा में जन-जन तक पहुँचाते हैं। उनकी कथा केवल धार्मिक ग्रंथों का वाचन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अनुभव है जो श्रोताओं के हृदय को स्पर्श करता है और उन्हें आत्ममंथन के लिए प्रेरित करता है। प्रेम, करुणा और धर्म पर आधारित उनके संदेशों ने अनेक लोगों को जीवन में सकारात्मकता और नैतिकता का मार्ग दिखाया है।
उनकी कुछ प्रसिद्ध कथाओं में शामिल हैं:
आचार्य त्रिपाठी जी का परिवार भी धार्मिक और समाज सेवा के कार्यों में समर्पित है। उनके पिता श्री राम दुलारे त्रिपाठी और माता श्रीमती पान कुंवर त्रिपाठी ने उन्हें भक्ति और सेवा के संस्कार दिए। परिवार का समर्थन पाकर वे विभिन्न क्षेत्रों में अपने प्रवचन के माध्यम से भक्तों तक पहुँचते हैं।
आचार्य जगमोहन त्रिपाठी जी ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपने संदेशों को व्यापक रूप से फैलाना शुरू किया है, जिससे उनकी शिक्षाएँ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सकें। उनके आयोजनों और कथा की जानकारी के लिए संपर्क किया जा सकता है:
यू ट्यूब चैनल: https://youtube.com/@acharyajagmohantripathi1565?si=oIAQmto06nQkz048
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