श्री रामस्वरूपाचार्य जी

जगद्गुरु रामस्वरूपाचार्य जी वर्तमान में चित्रकूट, मध्य प्रदेश, भारत में निवास कर रहे हैं। उनका मानना है कि आध्यात्मिक साधना ही मानव जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य है और इस लक्ष्य को केवल मानव रूप में ही प्राप्त किया जा सकता है। मानव शरीर को सुख और दुख दोनों के लिए बनाया गया है (भोगदेह)। हालांकि, हमें यह समझना होगा कि मानव जीवन का उद्देश्य केवल धन संचय करना और परिवार का पालन-पोषण करना नहीं है।

अगर हम प्रकृति को नजदीक से देखें तो पाएंगे कि जानवर, पक्षी, यहां तक कि छोटे-छोटे कीट भी अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी, कलात्मकता और शायद कई बार मनुष्यों से बेहतर तरीके से निभाते हैं। अगर हम कहते हैं कि मानव जीवन इस धरती पर सबसे उच्चतम रूप है, तो हमारे जीवन का उद्देश्य भी सभी प्राणियों में सबसे उच्चतम होना चाहिए।

जगद्गुरु रामस्वरूपाचार्य जी को विभिन्न हिन्दू शास्त्रों, विशेष रूप से श्रीमद्भागवत, श्री रामचरितमानस और श्रीमद्भगवद्गीता के प्रति अपार श्रद्धा और समर्पण है। वे एक मधुर और दिव्य आवाज के धनी भी हैं।

उनकी शिक्षाएं हमें याद दिलाती हैं कि आध्यात्मिक साधना के माध्यम से ही हम अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं और एक उच्चतम जीवन जी सकते हैं। उनकी शिक्षाओं का पालन करते हुए हम न केवल अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं, बल्कि समाज और संसार में भी एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

चित्रकूट में निवास करते हुए, जगद्गुरु रामस्वरूपाचार्य जी निरंतर लोगों को आध्यात्मिक पथ पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और उनके माध्यम से अनगिनत लोग अपनी जीवन यात्रा को सार्थक बना रहे हैं। उनके संदेश को सुनना और समझना हमारे लिए एक अनमोल अवसर है जिससे हम अपने जीवन को उच्चतम लक्ष्य की ओर अग्रसर कर सकते हैं।

संपर्क करें: +91 8318 19 6838
ramswaroopacharyaji@gmail.com

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