श्री अनिरुद्धाचार्य जी

पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज: सेवा, संस्कृति, और संस्कारों के अग्रदूत

पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज सनातन धर्म के प्रमुख प्रचारक हैं, जो अपने अमृतमयी वाणी से लाखों-करोड़ों लोगों को गौरी गोपाल भगवान की भक्ति, सेवा, संस्कृति, और संस्कारों से जोड़ते हुए उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य कर रहे हैं। वह एक समर्पित समाजसेवी और मानवता के सच्चे सेवक हैं, जिन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से समाज में एक विशेष स्थान बनाया है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जन्म मध्य प्रदेश के सिरोहा तहसील के रेवझा गांव में हुआ था। उनके पिता श्रीराम नरेश तिवारी और माता श्रीमती छाया बाई हैं। उनका पालन-पोषण एक धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण में हुआ, जिसने उनके जीवन में भक्ति और सेवा के मूल्यों को गहराई से अंकित किया। उन्होंने भगवत आचार्य कोर्स भी पूरा किया, जो उनकी धार्मिक और आध्यात्मिक जिज्ञासा को दर्शाता है।

अन्नपूर्णा रसोई: समाजसेवा का प्रेरणास्रोत

पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने 30 जून 2020 को 'अन्नपूर्णा रसोई' की स्थापना की, जिसका उद्देश्य समाज के गरीब और असहाय लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। इस सामुदायिक पहल के तहत रोज़ाना 3000 से 5000 लोगों को भोजन प्रदान किया जाता है। अन्नपूर्णा रसोई केवल एक भोजन सेवा नहीं, बल्कि यह सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने और जरूरतमंदों के आत्मसम्मान को बनाए रखने का एक आदर्श उदाहरण है।

यह पहल समाज में समानता और संगठन की भावना को भी प्रोत्साहित करती है। श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की यह सेवा न केवल एक धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि यह मानवता के प्रति उनकी गहरी सहानुभूति और सेवा के आदर्शों का प्रतीक है।

समाज के प्रति योगदान

पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जीवन समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समर्पित है। उनके द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलें, जैसे अन्नपूर्णा रसोई, समाज में सेवा, संस्कृति, और संस्कारों को बढ़ावा देती हैं। इसके साथ ही, ये पहलें सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज एक धार्मिक गुरु के साथ-साथ एक महान समाजसेवी भी हैं, जिन्होंने अपने कार्यों से अनगिनत लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है। उनकी सेवाएँ और समाजसेवा के प्रयास हमें मानवता की सेवा करने और एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं

श्री अनिरुद्धाचार्य जी की पूर्व की कथाएं


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