पंडित कृष्णकांत जी महाराज एक प्रतिष्ठित धार्मिक और अध्यात्मिक गुरु हैं, जो वर्तमान में श्री धाम वृंदावन में निवास कर रहे हैं। उनका जन्म इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था, और बचपन से ही उनका झुकाव धर्म और भक्ति की ओर रहा है। पंडित जी ने अपनी माता श्रीमती सुनीता शर्मा को देवी की पूजा करते हुए देखकर ही भक्ति मार्ग पर अपने कदम बढ़ाए। बहुत ही कम आयु में वे हनुमान मंदिर में आरती और सेवा में जुट गए थे, जिससे उनके अध्यात्मिक जीवन की नींव पड़ी।
2011 में, पंडित कृष्णकांत जी महाराज प्रभु की कृपा से वृंदावन आए, जहाँ उन्होंने अपने अध्यात्मिक जीवन का पूर्ण समर्पण किया। यहाँ उन्होंने वेदों, पुराणों, और अन्य प्राचीन शास्त्रों का गहन अध्ययन किया। वृंदावन की पवित्र भूमि ने उन्हें एक गहन धार्मिक दृष्टि प्रदान की, और वे निरंतर अध्यात्मिक शिक्षा और साधना में लीन रहे। उनकी शिक्षा और साधना का मुख्य उद्देश्य समाज को धर्म और अध्यात्म का सही मार्ग दिखाना है।
2017 से पंडित कृष्णकांत जी महाराज ने कथा वाचन प्रारंभ किया। उनकी कथाएँ पुराणों और वेदों के गूढ़ ज्ञान को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हैं, ताकि आम जन-मानस धर्म और अध्यात्म को सही ढंग से समझ सकें। पंडित जी की कथाओं में भगवान की भक्ति, वैदिक ज्ञान, और धार्मिक इतिहास का समावेश होता है। वे श्रीमद्भागवत, रामायण, और अन्य धार्मिक ग्रंथों की कथाओं के माध्यम से समाज में भक्ति और धर्म की भावना जगाते हैं।
पंडित कृष्णकांत जी महाराज का परिवार भी उनके धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। उनके पिता श्रीमान श्रवण शर्मा और माता श्रीमती सुनीता शर्मा हैं। उनका पैत्रिक निवास इंदौर में है, लेकिन वर्तमान में वे वृंदावन के राम नगर कॉलोनी में रहते हैं।
उन्होंने संस्कृत व्याकरण में एमए की शिक्षा प्राप्त की है और उनके गुरु परम पूज्य श्री मालूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास जी महाराज हैं। गुरु की कृपा से उन्होंने धर्म, साधना और सेवा के महत्व को गहराई से समझा है और उसी के अनुसार जीवन जी रहे हैं।
पंडित कृष्णकांत जी महाराज ने अपने जीवन को पूर्ण रूप से प्रभु सेवा और धर्म प्रचार के लिए समर्पित कर दिया है। उनकी कथाएँ और प्रवचन न केवल धार्मिक जागरूकता फैलाते हैं, बल्कि लोगों के जीवन में आध्यात्मिकता का संचार भी करते हैं।
वे समाज के हर वर्ग के लोगों को धर्म और अध्यात्म के माध्यम से जोड़ने का प्रयास करते हैं। श्री धाम वृंदावन में निवास करते हुए वे निरंतर वेदों और पुराणों का अध्ययन करते हैं और समाज के हित में अपने ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं।
यदि आप पंडित कृष्णकांत जी महाराज की प्रवचन या कथा का अनुभव करना चाहते हैं, तो आप श्री धाम वृंदावन या अन्य स्थानों पर होने वाले धार्मिक आयोजनों में भाग ले सकते हैं। उनकी कथाएँ आपके जीवन में एक नया अध्यात्मिक दृष्टिकोण ला सकती हैं और भक्ति भावना को जागृत कर सकती हैं।
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