गोदावरी तीर शक्ति पीठ, जिसे सरवशैल शक्ति पीठ भी कहा जाता है, भारत के 51 पवित्र शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के राजमहेंद्रवरम (राजामुंद्री) शहर में गोदावरी नदी के किनारे श्री उमाकोटिलिंगेश्वर स्वामी श्री सीताराम स्वामी मंदिर (Sri Umakotilingeswara Swamy Sri Sitarama Swamy Temple) में स्थित है। गोदावरी नदी भारत की सबसे लंबी नदियों में से एक है और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इस मंदिर में देवी सती को 'विश्वेश्वरी' और 'राकिनी' के रूप में पूजा जाता है, जबकि भगवान शिव को 'वत्सनाभ' या 'दंडपाणि' के रूप में पूजनीय माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां देवी सती का बायां गाल गिरा था, और इस स्थान को अत्यधिक पवित्र माना जाता है।
मंदिर का ग़ोपुरम इसकी ऊँचाई और भव्य वास्तुकला के कारण बहुत आकर्षक है। इस स्थान पर देवी-देवताओं की मूर्तियाँ पवित्र रूप से स्थापित हैं। गोदावरी नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे सभी पापों का नाश होता है।
गोदावरी तीर शक्ति पीठ का निर्माण किसने और कब किया, इसकी सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने देवी सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किया, तो उनका बायां गाल इस स्थान पर गिरा। इसलिए यह स्थान शक्ति पीठ के रूप में प्रसिद्ध हुआ।
गोदावरी तीर शक्ति पीठ में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में पुष्करम मेला सबसे बड़ा आकर्षण है। यह मेला हर 12 साल में गोदावरी नदी के तट पर आयोजित होता है। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त देवी की पूजा करते हैं और नदी में पवित्र स्नान करते हैं। यह माना जाता है कि इस स्नान से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं।
त्योहारों के दौरान मंदिर को फूलों और दीपों से सजाया जाता है। भक्तजन यहां अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं और देवी के चरणों में शीश नवाते हैं।
राजामुंद्री रेलवे स्टेशन मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन है। रेलवे स्टेशन से टैक्सी और बसों की सुविधा आसानी से उपलब्ध है।
निकटतम हवाई अड्डा राजामुंद्री एयरपोर्ट है, जो मंदिर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
देश के प्रमुख शहरों से बस सेवाएं राजामुंद्री तक उपलब्ध हैं। स्थानीय और राष्ट्रीय बस नेटवर्क यहां तक पहुंचने का एक सुगम साधन है।
अक्टूबर से मार्च का समय गोदावरी तीर शक्ति पीठ की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त है। इस दौरान नवरात्रि, दुर्गा पूजा और शिवरात्रि जैसे प्रमुख त्यौहारों का आयोजन होता है, जो भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं।
गोदावरी तीर शक्ति पीठ न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि यह हिंदू संस्कृति और आस्था का प्रतीक भी है। यहां की पवित्रता, भव्यता और दिव्यता हर भक्त को आत्मिक शांति प्रदान करती है। यदि आप आध्यात्मिक यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यह शक्ति पीठ आपके लिए एक अवश्य देखने योग्य स्थान है।
कृपया अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया लिखें