श्री हरिओम सरस जी

परम पूज्य श्री हरिओम सरस जी महाराज - एक दिव्य आध्यात्मिक व्यक्तित्व

परम पूज्य श्री हरिओम सरस जी महाराज भारत के एक प्रतिष्ठित और श्रद्धेय संत हैं, जो अपनी गहन आध्यात्मिकता, ज्ञान, और प्रभावशाली कथा वाचन के लिए विख्यात हैं। उनका जीवन और कार्य भगवान श्रीराम की दिव्य लीलाओं और शिक्षाओं को जन-जन तक पहुँचाने में समर्पित है। उनकी कथाओं में श्रोताओं को धर्म, सत्य और आदर्शों का पथ दिखाने की अद्भुत शक्ति है, जिससे वे एक सच्चे मानव के रूप में विकसित होने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

व्यक्तिगत और पारिवारिक पृष्ठभूमि

माता-पिता:
श्री हरिओम सरस जी महाराज का जन्म श्री राजेश कुमार पाठक और श्रीमती श्रीदेवी पाठक के पवित्र परिवार में हुआ। उनके माता-पिता ने उन्हें धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के साथ पाला, जिससे उनके जीवन में धर्म और आध्यात्मिकता की नींव रखी गई।

गांव:
परम पूज्य महाराज जी का पैतृक गांव अकौडिया है, जो पोस्ट तिस्ती, रसूलाबाद, कानपुर देहात में स्थित है। इस पवित्र भूमि ने उन्हें भारतीय ग्रामीण जीवन के सरल और सादगीपूर्ण संस्कारों को आत्मसात करने में सहायता की, जो उनके व्यक्तित्व में आज भी झलकता है।

निवास:
महाराज श्री का वर्तमान निवास स्थान नौबस्ता, कानपुर में है, जहाँ से वे अपने आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों का संचालन करते हैं। यह स्थान उनके अनुयायियों और श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र धाम के रूप में जाना जाता है।

शिक्षा और आध्यात्मिक प्रशिक्षण

गुरुकुल शिक्षा:
परम पूज्य श्री हरिओम सरस जी महाराज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रामधाम आदर्श महाविद्यालय, बिठूर के गुरुकुल में प्राप्त की। यहाँ उन्होंने वेद, पुराण, उपनिषद, और अन्य धार्मिक ग्रंथों का गहन अध्ययन किया। गुरुकुल की शिक्षा प्रणाली ने उन्हें न केवल धार्मिक ज्ञान दिया, बल्कि उन्हें एक अनुशासित और समर्पित जीवन जीने की प्रेरणा भी दी।

गुरुदेव:
महाराज श्री के आध्यात्मिक गुरू डॉ. श्यामसुंदर पाराशर जी महाराज वृंदावन के विख्यात संत और विद्वान हैं। गुरुदेव के सान्निध्य में महाराज श्री ने अपने जीवन को धर्म, भक्ति और सेवा के पथ पर अग्रसर किया। डॉ. श्यामसुंदर पाराशर जी के मार्गदर्शन ने उनके व्यक्तित्व को संस्कारित और परिपक्व बनाया, जिससे वे एक महान कथा वाचक और आध्यात्मिक नेता के रूप में प्रतिष्ठित हुए।

धार्मिक और सामाजिक योगदान

परम पूज्य श्री हरिओम सरस जी महाराज देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक और आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने में सक्रिय हैं। वे नियमित रूप से श्रीराम कथा, भागवत कथा, और अन्य धार्मिक आयोजनों का संचालन करते हैं, जहाँ हज़ारों श्रद्धालु उनके प्रवचनों से लाभान्वित होते हैं। उनकी कथाएँ केवल धार्मिक शिक्षाओं का प्रचार नहीं करतीं, बल्कि श्रोताओं को जीवन के हर क्षेत्र में सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।

कथाओं की विशेषता:
महाराज श्री की कथाओं में भगवान श्रीराम की लीलाओं, उनके आदर्शों, और उनकी शिक्षाओं का सरल और प्रभावशाली वर्णन होता है। उनकी कथा वाचन शैली ऐसी है कि श्रोता कथा के हर शब्द में डूब जाते हैं और भगवान श्रीराम के प्रति उनकी श्रद्धा और भक्ति बढ़ती जाती है। उनके प्रवचनों में गहरी आध्यात्मिकता होती है, जो श्रोताओं को उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करती है।

सामाजिक सेवाएं:
धार्मिक कार्यों के साथ-साथ, परम पूज्य श्री हरिओम सरस जी महाराज समाज सेवा में भी सक्रिय हैं। वे अनाथ बच्चों, निर्धन परिवारों और अन्य जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए विभिन्न सामाजिक योजनाओं का संचालन करते हैं। उनका मानना है कि सच्ची भक्ति केवल ईश्वर की आराधना में नहीं, बल्कि जरूरतमंदों की सेवा में भी है।

सोशल मीडिया और डिजिटल उपस्थिति

यूट्यूब चैनल:
महाराज श्री की शिक्षाओं और प्रवचनों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के उद्देश्य से उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल Hariom Bhaktipath शुरू किया है। इस चैनल के माध्यम से वे अपने अनुयायियों और भक्तों तक प्रतिदिन नए-नए प्रवचन और कथाएँ पहुँचाते हैं। यह चैनल उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो व्यक्तिगत रूप से कथा में शामिल नहीं हो सकते।

संपर्क जानकारी

परम पूज्य श्री हरिओम सरस जी महाराज की कथा का आयोजन करने के लिए, आप उनसे निम्नलिखित संपर्क जानकारी के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं:

  • फोन नंबर: 8173073890

यह संपर्क जानकारी उनके अनुयायियों के लिए है, जो अपने ग्राम, नगर या धार्मिक आयोजन में महाराज श्री द्वारा कथा आयोजित करवाना चाहते हैं। महाराज श्री की कथा में भाग लेकर आप अपने जीवन को धर्ममय और आनंदमय बना सकते हैं।

निष्कर्ष

परम पूज्य श्री हरिओम सरस जी महाराज का जीवन और उनकी शिक्षाएँ हमारे लिए एक आदर्श हैं। उनके प्रवचन और कथाएँ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे हमें जीवन के हर क्षेत्र में सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देती हैं। उनके सान्निध्य में आकर हमें धर्म, सत्य और आदर्शों के पथ पर चलने का सौभाग्य प्राप्त होता है। उनके साथ जुड़कर और उनकी कथा सुनकर हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।

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