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अभी मंदिर जोड़ेंपरिचय और धार्मिक महत्व: चट्टल भवानी शक्तिपीठ
भारत उपमहाद्वीप में स्थित शक्तिपीठों में एक पवित्र और महत्वपूर्ण नाम है — चट्टल भवानी शक्तिपीठ (Chattal Bhavani Shaktipeeth), जो बांग्लादेश के चटगाँव (Chittagong) जिले में स्थित है। यह शक्तिपीठ उन 51 प्रमुख स्थलों में शामिल है जहाँ देवी सती के अंग के गिरने से दिव्य ऊर्जा की स्थापना हुई थी।
मान्यता है कि यहाँ माता सती का दाहिना हाथ (Right Arm) गिरा था, इसलिए यह स्थान भक्तों के लिए अत्यंत चमत्कारिक और दिव्य शक्ति का केंद्र माना जाता है।
यहाँ माता सती "भवानी" नाम से विराजमान हैं।
मंदिर के भैरव (संरक्षक देव) हैं: "चंद्रशेखर"।
मां भवानी यहाँ शक्ति, रक्षा, और कृपा का प्रतीक हैं — और भैरव चंद्रशेखर संतुलन, साहस और जागृति का प्रतीक।
चट्टल भवानी शक्तिपीठ चंद्रनाथ पर्वत (Chandranath Hill) की तलहटी में स्थित है। यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है — हरे-भरे झरने, शांत वातावरण और हिमालय जैसा अनुभव भक्तों को अध्यात्म से जोड़ देता है।
मंदिर तक पहुँचने के लिए भक्तों को थोड़ा पैदल चलना पड़ता है, जिसका अनुभव आध्यात्मिक यात्रा जैसा लगता है।
देवी सती के आत्मदाह के बाद, भगवान शिव ने व्याकुल होकर उनका शरीर उठाया और तांडव किया। ब्रह्मांड को विनाश से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र चलाया और सती के शरीर के अंग विभिन्न स्थानों पर गिरने लगे।
जहाँ-जहाँ अंग गिरे, वहाँ-वहाँ शक्तिपीठ स्थापित हुए — और इस स्थान पर उनका दाहिना हाथ गिरा।
इसी कारण यह स्थान:
✔️ शाप मुक्ति का स्थान
✔️ इच्छापूर्ति स्थल
✔️ आत्मज्ञान और शक्ति साधना का केंद्र माना जाता है।
⏰ दर्शन समय:
| समय | विवरण |
|---|---|
| सुबह | 8:00 AM – 2:00 PM |
| शाम | 4:00 PM – 8:00 PM |
मंगलवार, शनिवार और विशेष पर्व (नवरात्रि, महाशिवरात्रि आदि) के समय यहाँ विशेष भीड़ रहती है।
यदि आप पहली बार यहाँ यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
निकटतम एयरपोर्ट: Shah Amanat International Airport (Chittagong)
एयरपोर्ट से Sitakunda (सीताकुंड) की दूरी लगभग 35–40 किमी है।
वहाँ से मंदिर तक स्थानीय टैक्सी/ऑटो मिल जाते हैं।
निकटतम स्टेशन: Sitakunda Railway Station
स्टेशन से मंदिर केवल 3–4 किमी दूर है।
Sitakunda बस टर्मिनल से आप ऑटो या लोकल टैक्सी लेकर मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
अंतिम भाग में थोड़ी पहाड़ी चढ़ाई होती है।
👉 सुझाव: आरामदायक जूते और पानी साथ रखें।
✔️ सुबह यात्रा शुरू करें — मौसम ठंडा और साफ़ मिलता है।
✔️ त्योहारों के समय भीड़ रहती है, इसलिए योजना पहले बना लें।
✔️ यदि आप पहली बार जा रहे हैं, तो स्थानीय गाइड मददगार हो सकता है।
चट्टल भवानी शक्तिपीठ केवल एक मंदिर नहीं — बल्कि माँ शक्ति की चमत्कारिक उपस्थिति, आस्था और इतिहास का जीवंत प्रतीक है।
यहाँ आकर हर भक्त को ऐसा अनुभव मिलता है मानो स्वयं माँ भवानी उसके हृदय को आशीर्वाद दे रही हों।
यदि आप आध्यात्मिक यात्रा करना चाहते हैं — तो यह स्थान जीवन में एक बार अवश्य जाना चाहिए।
नाम जाप एक साधारण किंतु अत्यंत गहन आध्यात्मिक साधना है। जब हम बार-बार भगवान के नाम या मंत्र का स्मरण करते हैं, तो मन शांत होता है और आत्मा में भक्ति का भाव जाग्रत होता है।
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