मोरारी बापू, राम चरित मानस के विख्यात व्याख्याता, पिछले पचास वर्षों से पूरे विश्व में राम कथाओं के माध्यम से सार्वभौमिक शांति, सत्य, प्रेम, और करुणा का संदेश फैला रहे हैं। उनकी कथाओं का मुख्य उद्देश्य इन मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाना है। राम चरित मानस उनके प्रवचनों का प्रमुख आधार है, लेकिन बापू अन्य धर्मों के उदाहरण भी प्रस्तुत करते हैं और सभी धर्मों के लोगों को अपने प्रवचनों में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं।
मोरारी बापू का जन्म 25 सितंबर 1946 में महाशिवरात्रि के दिन गुजरात के भावनगर जिले के निकट महुवा के तालगाजरडा गाँव में हुआ था। उनका पूरा नाम मोरारिदास प्रभुदास हरियाणी है बापू का पालन-पोषण एक धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण में हुआ। वे आज भी अपने परिवार के साथ वहीं रहते हैं। बापू वैष्णव बावा साधु निम्बार्का परंपरा से संबंधित हैं और उन्होंने अपने बचपन का अधिकांश समय अपने दादा और गुरु त्रिभोवनदास दादा और दादी अमृत मा के साथ बिताया। उनकी दादी उन्हें घंटों तक लोककथाएँ सुनाया करती थीं, जबकि उनके दादा ने उन्हें राम चरित मानस का ज्ञान दिया। बारह वर्ष की आयु तक बापू ने पूरी राम चरित मानस को कंठस्थ कर लिया था और चौदह वर्ष की आयु में उन्होंने राम कथा का गायन और पाठ प्रारंभ कर दिया था।
मोरारी बापू का विवाह नर्मदाबेन हरियाणी से हुआ था, और उनके चार बच्चे हैं। उनके माता-पिता प्रभुदास बापू हरियाणी और सावित्री बेन हरियाणी थे। उनके एक भाई जगदीशभाई हरियाणी भी हैं।
मोरारी बापू के प्रवचनों में गहरी आध्यात्मिकता और मानवता के प्रति गहन प्रेम दिखाई देता है। उनकी कथाओं में श्रोताओं को सत्य, प्रेम, और करुणा के महत्व का अनुभव होता है। उनके प्रवचन केवल धार्मिक नहीं होते, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं पर आधारित होते हैं, जिससे हर वर्ग के लोग उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं।
मोरारी बापू ने न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी अपनी राम कथाओं के माध्यम से लाखों लोगों के हृदयों को छुआ है। उनके प्रवचनों में भारतीय संस्कृति और मूल्यों का समावेश होता है, जो विदेशों में बसे भारतीय समुदायों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने का एहसास कराते हैं। बापू के प्रवचनों का असर केवल धार्मिक नहीं होता, बल्कि यह लोगों के जीवन को भी सकारात्मक दिशा में प्रभावित करता है।
मोरारी बापू का जीवन और शिक्षा हमें यह सिखाती है कि सत्य, प्रेम, और करुणा ही मानवता के सबसे महत्वपूर्ण मूल्य हैं। मोरारी बापू के प्रवचन सुनने से हमें इन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा मिलती है, जिससे हम एक बेहतर समाज की स्थापना कर सकते हैं।
वेबसाइट: Chitrakutdham Talgajarda
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