🌸 भाई दूज 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त और पौराणिक कथा 🌸भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक भाई दूज का त्योहार दीपावली के तुरंत बाद मनाया जाता है। यह दिन भाई-बहन क...
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भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक भाई दूज का त्योहार दीपावली के तुरंत बाद मनाया जाता है। यह दिन भाई-बहन के प्रेम, सम्मान और एक-दूसरे के प्रति समर्पण का उत्सव है। इस वर्ष भाई दूज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं —
🕉️ भाई दूज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
तिथि प्रारंभ: 22 अक्तूबर 2025, रात 8:16 बजे
तिथि समाप्त: 23 अक्तूबर 2025, रात 10:46 बजे
पूजा का शुभ मुहूर्त: 23 अक्तूबर 2025, दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक
इस अवधि में बहनें अपने भाइयों को तिलक कर सकती हैं और विधिपूर्वक पूजा संपन्न कर सकती हैं। यही समय भाई-बहन के प्रेम को समर्पित इस पावन पर्व की पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त माना गया है।
📖 भाई दूज की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान सूर्यदेव और उनकी पत्नी छाया के दो संतानें थीं — यमराज और यमुना। यमराज मृत्यु के देवता बने, जबकि यमुना एक पवित्र और पूजनीय नदी के रूप में जानी गईं।
बचपन से ही यमुना अपने भाई यमराज से अत्यंत स्नेह करती थीं और हमेशा यह चाहती थीं कि उनका भाई एक बार उनके घर आए और उनके हाथों से भोजन ग्रहण करे। वे बार-बार यमराज को निमंत्रण देतीं, परंतु यमराज अपने कार्यों में इतने व्यस्त रहते कि हर बार टाल देते थे।
एक दिन, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमराज बिना बताए यमुना के घर पहुँच गए। भाई को देखकर यमुना अत्यंत प्रसन्न हुईं। उन्होंने बड़े प्रेम और श्रद्धा से उनका स्वागत किया, तिलक किया, आरती उतारी और स्वादिष्ट भोजन परोसा।
यमुना के प्रेम और सेवा से यमराज अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने यमुना को वरदान मांगने को कहा। यमुना ने यह वर मांगा —
"हे भैया, हर वर्ष कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन आप मेरे घर पधारें, और इस दिन जो बहन अपने भाई को तिलक कर प्रेमपूर्वक भोजन कराएगी, उसका भाई दीर्घायु होगा और उसे यमलोक का भय नहीं रहेगा।"
यमराज ने यह वरदान स्वीकार किया और तभी से यह भाई दूज की परंपरा शुरू हुई।
🌸 भाई दूज का महत्व
भाई दूज केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के बंधन का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं।
इस पर्व में छिपा भाव यह है कि परिवार के रिश्ते केवल रक्त से नहीं, बल्कि प्रेम, सेवा और समर्पण से बनते हैं।
भाई दूज हमें यह सिखाता है कि सच्चा संबंध वह है जिसमें एक-दूसरे की भलाई की भावना हो। इस वर्ष 2025 में, इस पवित्र दिन पर अपने भाई या बहन के साथ समय बिताएँ, उन्हें स्नेह और आशीर्वाद दें, और इस रिश्ते की पवित्रता को सहेजें।
जय सूर्यपुत्र यमराज! जय यमुनामैया!
आप सभी को भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🌺
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भाई बहन के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
Shri Yamuna ji ki jai ho 🙏