रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया। : भजन सुनना और गाना आत्मा को शांति, प्रेम और भक्ति से भर देता है। दीक्षास्थल पर भक्तिमय भजनों का संग्रह पाएँ और अपने मन को भगवान की भक्ति में लीन करें।
Showcase your brand to thousands of engaged listeners, devotees, youth communities, and spiritual seekers on Dikshasthal.
Limited-period pricing available only until 31 Dec 2025. Secure your spot today.
रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया।
रघुकुल नंदन कब आओगे भिलनी की नगरिया॥
मैं शबरी भिलनी की जाई, भजन भाव ना जानु रे।
राम तेरे दर्शन के कारण वैन में जीवन पालूं रे॥
चरणकमल से निर्मल करदो दासी की झोपड़िया॥
रोज सवेरे वन में जाकर फल चुन चुन के लाऊंगी।
अपने प्रभु के सन्मुख रख के प्रेम से भोग लगाउंगी॥
मीठे मीठे बेरन की मैं भर लाई छबरिया॥
श्याम सलोनी मोहिनी मूरत नैयन बीच बसाऊंगी।
पद पंकज की रज धर मस्तक जीवन सफल बनाउंगी॥
अब क्या प्रभु जी भूल गए हो दासी की डगरिया॥
नाथ तेरे दर्शन की प्यासी मैं अबला इक नारी हूँ।
दर्शन बिन दोऊ नैना तरसें सुनलो बहुत दुखारी हूँ॥
हीरा रूप से दर्शन देदो डालो एक नजरिया॥
Showcase your brand to thousands of engaged listeners, devotees, youth communities, and spiritual seekers on Dikshasthal.
Limited-period pricing available only until 31 Dec 2025. Secure your spot today.
हमारे साथ जुड़ें और अपनी आध्यात्मिक यात्रा को आगे बढ़ाएं। अभी लॉगिन करें!
साइन अप करें लॉगिन करें