कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। यह मास भगवान श्रीहरि विष्णु और श्रीराधा-कृष्ण को समर्पित होता है। इस महीने में नियमपूर्वक साध...
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कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। यह मास भगवान श्रीहरि विष्णु और श्रीराधा-कृष्ण को समर्पित होता है। इस महीने में नियमपूर्वक साधना, दान, स्नान और दीपदान करने से अनेक जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। नीचे कार्तिक मास में पालन करने योग्य प्रमुख नियम और व्रत-विधियाँ दी गई हैं 👇
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🌅 1. ब्राह्म मुहूर्त में स्नान
कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान या गर्म जल में तुलसी डालकर स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
स्नान के समय यह मंत्र बोलें:
“गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।
नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु॥”
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🪔 2. दीपदान का विशेष महत्त्व
हर शाम तुलसी माता, श्रीहरि विष्णु, गोशाला, मंदिर, नदी तट या घर के द्वार पर दीपक जलाएँ।
एक दीपक भी कार्तिक में अक्षय पुण्य देता है।
विशेषकर श्रीहरि के समक्ष घी का दीपक जलाना सर्वोत्तम माना गया है।
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🌿 3. तुलसी पूजन और सेवन
तुलसी माता की प्रतिदिन पूजा करें, जल अर्पित करें।
भोजन में तुलसी पत्र का सेवन करें।
तुलसी के बिना प्रसाद अधूरा माना जाता है।
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🕉️ 4. भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की उपासना
हरि नाम संकीर्तन, श्रीमद्भागवत पाठ, गीता पाठ, और विष्णु सहस्रनाम का जप करें।
रात्रि में हरिनाम जप और भजन-कीर्तन करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता है।
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🍛 5. सात्त्विक आहार और संयम
इस महीने में लहसुन, प्याज, मांस, मछली, अंडा, शराब का सेवन पूर्णतः वर्जित है।
सात्त्विक और शुद्ध भोजन लें — फल, दूध, घी, खिचड़ी आदि।
ब्रह्मचर्य और मन की शुद्धि पर ध्यान दें।
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🌾 6. दान-पुण्य
कार्तिक में दीपदान, अन्नदान, वस्त्रदान, गौदान, तिलदान, स्वर्णदान का विशेष महत्त्व है।
दान करते समय अपने सामर्थ्य अनुसार श्रद्धा और विनम्रता रखें।
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📖 7. कथा-श्रवण और सत्संग
श्रीमद्भागवत कथा, रामायण, शिव पुराण, या भजन-संकीर्तन में सम्मिलित हों।
किसी संत या कथा-वाचक के प्रवचन सुनना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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🙏 8. एकादशी व्रत का पालन
कार्तिक मास की दोनों एकादशियाँ (प्रबोधिनी एकादशी सहित) बहुत महत्वपूर्ण हैं।
व्रत रखकर श्रीहरि विष्णु की पूजा करें, इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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💫 9. अपराधों से बचें
झूठ, चुगली, क्रोध, असत्य भाषण, हिंसा, व्यर्थ चर्चा, निंदा और काम-क्रोध से दूर रहें।
मन, वाणी और कर्म की पवित्रता बनाए रखें।
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🕉️ 10. पूर्णिमा तक नियम रखें
ये नियम शरद पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक (लगभग एक महीना) पालन करने चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दीपदान करने से समस्त पापों का नाश होता है।
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🌅 1. ब्राह्म मुहूर्त में स्नान
कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान या गर्म जल में तुलसी डालकर स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
स्नान के समय यह मंत्र बोलें:
“गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।
नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु॥”
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🪔 2. दीपदान का विशेष महत्त्व
हर शाम तुलसी माता, श्रीहरि विष्णु, गोशाला, मंदिर, नदी तट या घर के द्वार पर दीपक जलाएँ।
एक दीपक भी कार्तिक में अक्षय पुण्य देता है।
विशेषकर श्रीहरि के समक्ष घी का दीपक जलाना सर्वोत्तम माना गया है।
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🌿 3. तुलसी पूजन और सेवन
तुलसी माता की प्रतिदिन पूजा करें, जल अर्पित करें।
भोजन में तुलसी पत्र का सेवन करें।
तुलसी के बिना प्रसाद अधूरा माना जाता है।
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🕉️ 4. भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की उपासना
हरि नाम संकीर्तन, श्रीमद्भागवत पाठ, गीता पाठ, और विष्णु सहस्रनाम का जप करें।
रात्रि में हरिनाम जप और भजन-कीर्तन करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता है।
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🍛 5. सात्त्विक आहार और संयम
इस महीने में लहसुन, प्याज, मांस, मछली, अंडा, शराब का सेवन पूर्णतः वर्जित है।
सात्त्विक और शुद्ध भोजन लें — फल, दूध, घी, खिचड़ी आदि।
ब्रह्मचर्य और मन की शुद्धि पर ध्यान दें।
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🌾 6. दान-पुण्य
कार्तिक में दीपदान, अन्नदान, वस्त्रदान, गौदान, तिलदान, स्वर्णदान का विशेष महत्त्व है।
दान करते समय अपने सामर्थ्य अनुसार श्रद्धा और विनम्रता रखें।
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📖 7. कथा-श्रवण और सत्संग
श्रीमद्भागवत कथा, रामायण, शिव पुराण, या भजन-संकीर्तन में सम्मिलित हों।
किसी संत या कथा-वाचक के प्रवचन सुनना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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🙏 8. एकादशी व्रत का पालन
कार्तिक मास की दोनों एकादशियाँ (प्रबोधिनी एकादशी सहित) बहुत महत्वपूर्ण हैं।
व्रत रखकर श्रीहरि विष्णु की पूजा करें, इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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💫 9. अपराधों से बचें
झूठ, चुगली, क्रोध, असत्य भाषण, हिंसा, व्यर्थ चर्चा, निंदा और काम-क्रोध से दूर रहें।
मन, वाणी और कर्म की पवित्रता बनाए रखें।
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🕉️ 10. पूर्णिमा तक नियम रखें
ये नियम शरद पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक (लगभग एक महीना) पालन करने चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दीपदान करने से समस्त पापों का नाश होता है।
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Radhe Radhe
सत्य वचन